Fri. May 23rd, 2025



रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में करें ये खास पाठ, मिलेगा श्रीराम का आशीर्वाद

आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है जिसका उत्साह पूरे देश में देखने को मिल रहा है. एक लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं. राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर के विद्वानों और शीर्ष ज्योतिषियों से इसका शुभ मुहूर्त निकलवाया है. लेकिन, जो लोग अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं, वो लोग घर बैठे किन मंत्रों का जाप और श्रीराम का पूजन कैसे करें. तो आइए जानते हैं.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज अतिसूक्ष्म मुहूर्त में होने जा रही है. जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक 84 सेकंड का है. यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में होगा.

पंडित दीपक मालवीय के मुताबिक, आज यह 84 सेकंड का मुहूर्त बहुत ही शुभ है. जो लोग इस मुहूर्त में पूजन करेंगे उनको इसका लाभदायक फल प्राप्त होगा. इसलिए, जिस दौरान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी उस 84 सेकंड में सभी लोगों को प्रभु राम की स्तुति करनी चाहिए. साथ ही साथ सुंदरकांड के अलावा रामचरितमानस का भी पाठ करना चाहिए. पंडित जी के मुताबिक, 84 सेकंड का अल्प समय होता है. इस दौरान रामायण के सभी पाठ करना संभव नहीं है. इसलिए, श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय ‘श्री राम चंद्र कृपाल भजमन’ का पाठ जरूर करें. ऐसा करने से सभी का कल्याण होगा.

उन्होंने आगे बताया कि, यह 84 सेकंड का बहुत ही शानदार मुहूर्त है जिससे न केवल राष्ट्र, बल्कि राज सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों को भी लाभ प्राप्त होगा. इस मुहूर्त से भारत का चौमुखी विकास भी होगा इसमें कोई संदेह नहीं है. आज के दिन भगवान राम के आदर्श आचरण का पालन लोगों को करना चाहिए और किसी भी तरह के गलत कार्य से बचना चाहिए.


‘राममय’ लग रही है अयोध्या

पीएम मोदी अयोध्या पहुंच गए हैं. पीएमओं ने एक वीडियो जारी किया है. जिसमें पीएम के प्लेन से अयोध्या का नजारा कैद किया गया है. अयोध्या बेहद खूबसूरत और राममय लग रही है.




गणेश पूजन के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विधिवत कर्मकांड शुरू

अयोध्या (डेस्क):- बृहस्पतिवार को गणेश पूजन के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विधिवत कर्मकांड शुरू हो गया। शुभ मुहूर्त में दोपहर 1:20 बजे गणेश, अंबिका और तीर्थ पूजा की गई। इससे पहले 12:30 बजे रामलला की अचल मूर्ति को आसन पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विराजित कराया गया। पहले दिन करीब सात घंटे तक पूजन चला। मुख्य यजमान अशोक सिंहल फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश भागचंदका रहे।काशी के आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में पूजन प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है।

इसी के साथ ही रामलला के अचल विग्रह को अभी ढक कर रखा गया है। आवरण 20 जनवरी को हटाया जाएगा। बृहस्पतिवार को ढकी मूर्ति का ही पूजन किया गया। रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। पूजन के क्रम में ही राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास व गंधाधिवास हुआ।उधर, रामलला के नवनिर्मित मंदिर में अचल विग्रह की स्थापना के साथ विराजमान रामलला को भी पूजित-प्रतिष्ठित किया जाएगा।