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रामपुर (डेस्क) काफी दिनों के बाद समाजवादी पार्टी नेता मोहम्मद आजम खान के लिए राहत भरी खबर आई है। बीते दिनों रामपुर के डूंगरपुर में मकान ढाए जाने और लूटपाट किए जाने के आरोप में जहां आजम खान को 7 साल की अधिकतम सजा और ₹8 लाख जुर्माना तथा 3 सह आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई थी वैसे ही एक दूसरे मामले में जहां डूंगरपुर गांव में ही एक दूसरे मकान को ढाने, लूटपाट करने, धमकाने जैसे गंभीर आरोपों में एक अन्य मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसमें अदालत में गवाहों के बयान और सबूत के आधार पर आजम खान, सीओ सिटी आले हसन खान और तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान सहित कुल 8 आरोपियों को बरी कर दिया है।इस विषय पर आजम खान के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने बताया,, देखिए दिनांक 03/02/2016 की घटना, आसरा आवास कॉलोनी परिसर की इसकी वादिनी है शफीक बानो इन्होंने एक मुकदमा दर्ज कराया था 8:15 बजे रात को मुलजिमान आए उनके घर में सीओ आले हसन खान और सात लोगों को नामजद किया गया दौराने विवेचना आजम खान साहब का नाम इसमें बाद में आया था कुल मिलाकर 8 मुलजिम थे। मामला यह था कि वादिनी का यह इल्जाम था दिनांक 03/02/2016 को रात के 8:15 बजे मुलाजिमान उनके घर में आए गाली गलौज की, मारपीट की और ₹9000 की नगदी लूट कर ले गए और कुछ सामान तोड़ दिया और फिर उस पर बुलडोजर चला दिया यह सारा मामला था। इस मामले में मुलजिमान तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खान, ओमेंद्र सिंह चौहान, तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अजहर खान, सपा नेता फिरोज खान, जिब्रान खान, बरकत अली ठेकेदार यह लोग नामजद थे दौराने विवेचना मोहम्मद आजम खान का नाम 120बी में जोड़ा गया था और यह मामला माननीय एमपी एमएलए सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया है और सभी आरोपियों को बरी कर दिया है और आजम खान को भी बरी कर दिया है आज आजम खान और आले हसन खान वीसी के जरिए जोड़े गए थे और बाकी सब व्यक्ति का तौर पर पेश हुए थे और बरकत अली ठेकेदार भी जेल में है तो वह भी वीसी के जरिए पेश हुए थे आज का कैस बरी हो चुका है।यह पूछे जाने पर की यह डूंगरपुर का पूरा मामला था क्या था? इसमें टोटल कितने मुकदमे थे? इस पर आजम खान के अधिवक्ता ने बताया,, डूंगरपुर में एक आसरा आवास कॉलोनी बनी है जो दिसंबर 2015 में बनना शुरू हुई और दिसंबर 2016 में निर्माण कार्य शुरू हुआ जब वह कॉलोनी बनी तो कुछ लोगों को भू माफियाओं ने प्लॉट बेच दिए थे धोखाधड़ी करके, उन लोगों के प्लॉट वहां पर थे वह आसरा आवास कॉलोनी परिसर के अंदर हैं उस समय उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि एक एफआईआर जो भू माफिया थे उनके खिलाफ अबरार नाम के वादी जो 556 क्राइम नंबर का वादी है उसने दर्ज कराई इन लोगों ने हमें धोखाधड़ी करके जमीन बेच दी है। अब जबकि सरकार बदली तो राजनीतिक की भावनाओं से यह मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया 3 साल की देरी से और इस देरी का कोई स्पष्टीकरण आज तक कहीं नहीं है। इस डूंगरपुर मामले में टोटल 11 मामले दर्ज हैं थाना गंज में, जिसमें तीन मामलों में फैसला आ चुका है दो मामलों में मुलजीमान को बरी कर दिया गया है और एक मामले में कन्वैक्शन हुआ है।

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