मुरादाबाद (डेस्क) दुबई से लौटे चार तस्करों के पेट से निकले 29 सोने के कैप्सूल एक किलो से ज्यादा सोना बरामद पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठितरामपुर के टांडा कस्बे में वर्षों से दुबई से सोने की तस्करी हो रही थी। इसका खुलासा मुरादाबाद में तस्करों के अपहरण और उनके पेट से सोना मिलने पर हुआ। इस खेल में टांडा के फाइनेंसर और सफेदपोश शामिल हैं। पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिस पर डीआईजी मुनिराज ने जांच के आदेश दिए हैं।रामपुर जिले के टांडा कस्बे के लोग दुबई से सोने की तस्करी कर रहे हैं। यह तस्करी का खेल एक दो माह नहीं, वर्षों से चल रहा है। मुरादाबाद पुलिस ने इसका खुलासा किया तो टांडा थाने की पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई या पुलिस जानबूझकर अनजान बनी रही, इसका सच जानने के लिए डीआईजी मुनिराज जी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। रामपुर जिले के टांडा कस्बे और उसके आसपास के गांवों के युवा दुबई, सऊदी अरब में नौकरी करते हैं।कुछ युवा जाते हैं तो कुछ उधर से आते हैं। टांडा के चावल कारोबारी, कपड़ा व्यापारी, प्रॉपर्टी डीलर समेत अन्य लोगों ने युवाओं के जरिये दुबई से सोने की तस्करी का खेल शुरू कर दिया। इस खेल में कई सफेदपोश पैसा लगाते हैं। पिछले कई साल से टांडा में यह तस्करी चल रही थी, लेकिन टांडा थाने की पुलिस और खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी।मुरादाबाद में बदमाशों द्वारा तस्करों का अपहरण और फिर पुलिस द्वारा तस्करों को छुड़ाने के बाद उनके पेट से सोना मिलने पर तस्करी के खेल से पर्दा उठा। तस्करों से पूछताछ में यह भी पता चला कि टांडा के नौ फाइनेंसर युवाओं को दुबई भेजकर सोना मंगवाते हैं। यह खेल कई साल से चल रहा है। सोना तस्करी के इस खेल का खुलासा होने के बाद टांडा थाने के प्रभारी को वहां से हटाकर दूसरे थाने में भेज दिया गया।हालांकि, अधिकारी इसे रूटीन ट्रांसफर बता रहे हैं, लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि ट्रांसफर के पीछे सोना तस्करी में लोकल स्तर पर कार्रवाई नहीं करना ही वजह है। सोना तस्करी के खेल का डीआईजी मुनिराज जी ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। सोना तस्करी में अब तक स्थानीय पुलिस की क्या भूमिका रही है, इसका भी सच सामने लाया जाएगा। जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।*फाइनेंसरों की पुलिसकर्मियों से यारी*मूंढापांडे में थाने में सोना तस्करी के मामले में दर्ज मुकदमे में तस्करों के साथ फाइनेंसरों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें कई फाइनेंसर ऐसे हैं, जिनका थाने में आना-जाना लगा रहता है। कई पुलिसकर्मियों के आरोपियों से अच्छे संबंध हैं।*पूछताछ में इनके नाम आए सामने*पूछताछ के दौरान इस मामलें में जाहिद मेम्बर,रिज़वान,मोहम्मद हारुन,हाजी शरीफ,हाजी अनीस,जुनेद,वसीम,गुड्डू,और पप्पू के नाम सामने आए पुलिस ने इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इन आरोपियों में चिकित्सक फाइनेंसर और ट्रेवल एजेंट भी शामिल है। चिकित्सकों ने इस प्रक्रिया के दौरान मंगलवार की दोपहर मुताल्लिब के पेट से एक और सोने का कैप्सूल निकला लिया है। अभी भी एक कैप्सूल उसके पेट में फंसा है जिसे निकालने का प्रयास चिकित्सक कर रहे हैं।*रिमाइंड पर लिए गए आरोपियों से चल रही पूछताछ*क्योंकि मुताल्लिब के पेट में 2 और कैप्सूल मौजूद थे जिसके चलते पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर अस्पताल में भर्ती कराया और पूछताछ जारी रखी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे प्रकरण में अभी और भी नाम सामने आ रहे हैं जिसमें टांडा के ही रहने वाले हाजी रुसी जो की एक सर्राफा व्यापारी हैं ,पूर्व सत्ता के करीबी बताए जा रहे है सूत्रों की माने तो हाजी रुसी नाम भी प्रकाश में आया है, जो अपने परिजनों और पुत्रों की सराफ की दुकान खुला खाड़ी देशों से तस्करों द्वारा लाया सोने की खपत करा रहे है ,जल्द ही पुलिस अन्य आरोपियों के नाम विवेचना के बाद उजागर करेगी और गिरफ्तारी के लिए टीम भी गठित कीजाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाजी रुसी भी सर्राफा कारोबार की आड़ में युवाओं को खाड़ी देशों में सोना लाने के लिए युवाओं को भेजने का काम करता था। हाजी रुसी के पास टांडा में सर्राफा की कई बड़ी दुकान हैं और इन्हीं दुकानों की आड़ में वह युवाओं से सोने की तस्करी कर रहा था, अब देखना होगा की इस पूरे मामले में पुलिस इन सोना तस्करों से हमसाज पर क्या कारवाई करती है
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